उत्तरः 26/11 की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के पश्चात तटीय सुरक्षा की समुचित स्तरों पर समीक्षा की गई है और फरवरी, 09 में आयोजित हुई सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति की बैठक में कुछ प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया है । भारतीय नौसेना को कुल मिलाकर समुद्रवर्ती सुरक्षा के लिए उत्तरदायी प्राधिकारी के रूप में नामित किया गया है, जिसमें तटीय सुरक्षा और ऑफसोर सुरक्षा शामिल है । इस संबंध में भारतीय नौसेना को राष्ट्र की तटीय रक्षा के मामले में तटरक्षक, स्टेट मैरीन पुलिस एवं अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से सहायता मिलेगी । तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए उठाए गए अन्य कदम निम्नवत हैः-
(i) मौजूदा नौसेना सी-इन –सीज की निगरानी में मुंबई, विशाखापट्टनम और पोर्टब्लेयर में से संयुक्त कार्रवाई केंद्रों का गठन/पोर्ट ब्लेयर के मामले में, संयुक्त कार्रवाई केन्द्र सिनकेन की निगरानी में है । संयुक्त कार्रवाई केन्द्र विभिन्न एजेंसियों जैसे कि नौसेना, तटरक्षक और समुद्रवर्ती पहलुओं से ताल्लुक रखने वाली अन्य केन्द्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों से प्राप्त संकेतों के साथ नौसेना और तटरक्षक बल द्वारा तैयार संचालित होते हैं ।
(ii) 80 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट और 1000 कार्मिकों के साथ नौसेना के सागर प्रहरी बल का गठन ।
(iii) तटरक्षक, राज्य और केन्द्रीय सरकार की एजेंसियों के साथ सभी राज्यों में तटीय सुरक्षा अभ्यासों का नियमित आयोजन ।
(iv) भारतीय नौसेना और तटरक्षक पोतों द्वारा तथा तट के साथ विमान एवं सभी ऑफशोर विकास क्षेत्रों में सतह और हवाई निगरानी में वृद्धि ।
(v) समुद्र की ओर से होने वाली आशंकाओं के विरुद्ध सुरक्षा करने संबंधी मसलों पर मछली मारने और तटीय समुदाय तथा तटीय पोर्ट प्राधिकारियों को सचेत करने के लिए नौसेना और तटरक्षक द्वारा जागरूकता अभियानों का आयोजन ।
(vi) समयबद्ध रूप में तटीय रडार चैन और तटीय व आईएस चैन का गठन ।
(vii) सभी जलीय पोतों के पंजीकरण में प्रगति और सभी मछुआरों/तटीय निवासियों को पहचान पत्र जारी करने का कार्य चल रहा है तथा गृह मंत्रालय द्वारा इसकी बारीकी से मानीटरिंग की जा रही है ।
(viii) 26/11 के पश्चात समुद्रवर्ती सुरक्षा उपायों के रूप में राष्ट्रीय कमान नियंत्रण संचार एवं आसूचना (एमसी3आई) नेटवर्क का गठन किया जा रहा है । अंतिम उपाय के रूप में भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक और पश्चिमी एवं पूर्वी समुद्रीय तट पर तटीय सुरक्षा में शामिल अन्य सरकारी प्राधिकरणों के बीच हाटलाइन संपर्क की व्यवस्था की गई है ।